हम सबको अपनी जगह पर रहते हुए ऐसा हर संभव प्रयत्न करना चाहिए।
2.
जनवादी लेखन के प्रकाशन, प्रचार तथा प्रसार के लिए हर संभव प्रयत्न करना तथा जातिवाद, छुआछूत, अंधविश्वास, रूढ़िवादिता, सांप्रदायिकता तथा अलगावाद को फैलाने वाले सामंती साम्राज्यवादी और पतनाशील पूंजीवादी लेखन का विरोध करना।